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राष्ट्रपति के बेटे के बयान पर छिड़ा विवाद

अभिजीत मुखर्जी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे, अभिजीत मुखर्जी के दिल्ली में सामूहिक बलात्कार के खिलाफ़ हो रहे विरोध प्रर्दशनों के बारे में एक बयान से बवाल मच गया है.
पश्चिम बंगाल के जांगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कथित रूप से कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली में 23-वर्षीय नवयुवती के साथ बलात्कार के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही छात्राएं 'सजी-संवरी महिलाएं हैं जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता'.

समाचार एजेंसियों ने अभिजीत मुखर्जी के हवाले से कहा, "भारत में हाथ में मोमबत्ती जलाकर मार्च करना, डिस्कोथेक जाना--हमने भी छात्र जीवन में ये सब किया है. जो छात्र होने का दावा कर रही है, उनमें कई खूबसूरत महिलाएं हैं जो बहुत सजी-संवरी हैं. वो टीवी पर साक्षात्कार दे रही हैं, अपने साथ बच्चों को लाई हैं. मुझे शक़ है कि ये असल में छात्र हैं क्योंकि ज़्यादातर इस उम्र की महिलाएं छात्र नहीं होतीं."
अभिजीत मुखर्जी ने कहा, "ये एक तरह का 'पिंक रेवोल्यूशन' है. हाथ में मोमबत्ती जला कर सड़कों पर आना फ़ैशन बन गया है. जो महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं उन्हें ज़मीनी हक़ीकत नहीं पता है. ये सजी संवरी महिलाएं पहले डिस्कोथेक में गईं और फिर इस गैंगरेप के खिलाफ़ विरोध दिखाने इंडिया गेट पर पहुंची."
अभिजीत मुखर्जी के इस बयान पर खासा विवाद छिड़ गया है.
इसके बाद अपने बयान पर सफाई देते हुए अभिजीत मुखर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगते हुए कहा, "अगर मेरे किसी बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं और माफ़ी मांगता हूं."
उधर राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी अपने भाई के बयान पर हैरानी जताते हुए माफ़ी मांगी.
शर्मिष्ठा ने कहा, "मैं हैरान हूं और अपने भाई की तरफ़ से माफ़ी मांगती हूं. मैं नहीं जानती कि मेरे भाई ने किस संदर्भ में ये बात कही. लेकिन ये असंवेदनशील है और मैं शर्मिंदा हूं."
उन्होंने ये भी कहा कि उनके पिता, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी अपने बेटे की राय से सहमत नहीं होंगे.
कॉंग्रेस पार्टी ने भी अभिजीत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और इसे उनका 'निजी विचार' बताया.
अभिजीत मुखर्जी का बयान ऐसे समय पर आया है जब पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया है और उसके समर्थन में अब भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं.