देश की राजधानी दिल्ली, केरल और पूर्वोत्तर राज्यों सहित नवगछिया में भी प्रभू यीशू
का जन्म दिवस पूरे धूमधाम से क्रिसमस के रूप में मनाया गया । नवगछिया के अस्थायी गिरिजाघर सहित देश के सभी
गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया।
जहां नवगछिया के अस्थायी गिरजाघर में
कल रात से विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया । कल मध्य रात्रि में प्रभू यीशू के जन्म के बाद से लोग एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों में तोहफे बांट रहे हैं। गिरिजाघर को क्रिसमस ट्री और रंग-बिरंबे बल्बों से सजाया गया है। पारंपरिक क्रिसमस कैरोल और रंग-बिरंगी झांकियों के अलावा विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
वहीं नई दिल्ली के बीचोंबीच स्थित सेक्रेड हार्ट कैथ्रेडल गिरिजाघर को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया है और वहां प्रभु यीशु के जन्म को दर्शाती झांकियां प्रदर्शित की गई हैं। तमिलनाडु स्थित ईसाईयों के तीर्थ स्थल वेलन्कणी में हजारों की संख्या में लोग क्रिसमस का त्योहार मनाने पहुंचे । कल मध्य रात्रि में जैसे ही घड़ी ने 12 बजाए गिरजाघरों के पादरियों ने प्रभू यीशू के जन्म की घोषणा की। हाथों में बाइबल और मोमबती लिए बच्चों ने जन्म की खुशी में गीत गाए और सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी।
इसी तरह वर्ष 1718 में बने तरंगमबाड़ी स्थित एशिया के सबसे पुराने प्रोटेस्टेंट गिरजाघर ‘यरूशलम गिरजाघर’ में सैकड़ों लोगों ने विशेष प्रार्थना की। क्रिसमस मनाने के लिए मेघालय में स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक भी जुटे हैं। गिरजाघरों में कल रात से विशेष मास और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा रहा है। कल मध्य रात्रि में प्रभू यीशू के जन्म के बाद से लोग एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों में तोहफे बांट रहे हैं।
मेघालय की राजधानी शिलांग क्रिसमस और नया साल के उत्सव के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि पूरा शहर क्रिसमस ट्री और रंग-बिरंबे बल्बों से सजा हुआ है। पारंपरिक क्रिसमस कैरोल और रंग-बिरंगी झांकियों के अलावा विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
जहां नवगछिया के अस्थायी गिरजाघर में
कल रात से विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया । कल मध्य रात्रि में प्रभू यीशू के जन्म के बाद से लोग एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों में तोहफे बांट रहे हैं। गिरिजाघर को क्रिसमस ट्री और रंग-बिरंबे बल्बों से सजाया गया है। पारंपरिक क्रिसमस कैरोल और रंग-बिरंगी झांकियों के अलावा विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
वहीं नई दिल्ली के बीचोंबीच स्थित सेक्रेड हार्ट कैथ्रेडल गिरिजाघर को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया है और वहां प्रभु यीशु के जन्म को दर्शाती झांकियां प्रदर्शित की गई हैं। तमिलनाडु स्थित ईसाईयों के तीर्थ स्थल वेलन्कणी में हजारों की संख्या में लोग क्रिसमस का त्योहार मनाने पहुंचे । कल मध्य रात्रि में जैसे ही घड़ी ने 12 बजाए गिरजाघरों के पादरियों ने प्रभू यीशू के जन्म की घोषणा की। हाथों में बाइबल और मोमबती लिए बच्चों ने जन्म की खुशी में गीत गाए और सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी।
इसी तरह वर्ष 1718 में बने तरंगमबाड़ी स्थित एशिया के सबसे पुराने प्रोटेस्टेंट गिरजाघर ‘यरूशलम गिरजाघर’ में सैकड़ों लोगों ने विशेष प्रार्थना की। क्रिसमस मनाने के लिए मेघालय में स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक भी जुटे हैं। गिरजाघरों में कल रात से विशेष मास और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा रहा है। कल मध्य रात्रि में प्रभू यीशू के जन्म के बाद से लोग एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों में तोहफे बांट रहे हैं।
मेघालय की राजधानी शिलांग क्रिसमस और नया साल के उत्सव के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि पूरा शहर क्रिसमस ट्री और रंग-बिरंबे बल्बों से सजा हुआ है। पारंपरिक क्रिसमस कैरोल और रंग-बिरंगी झांकियों के अलावा विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।