बीजेपी की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को पार्टी के निलंबित सांसद
राम जेठमलानी ने खारिज करते हुए कहा कि वे वकालत के अपने पेशे में काफी
व्यस्त हैं और ऐसे दस्तावेजों का जवाब देने की उनके पास फुर्सत नहीं है.
वकालत में व्यस्तता का हवालाराम जेठमलानी ने संवाददाताओं से
बातचीत में कहा, ‘मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में शाम में सिर्फ मीडिया से सुना है. मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है. जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं. एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है.’
अनुशासनहीनता से जुड़ा मामलावह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह बीजेपी संसदीय बोर्ड की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर देंगे. नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए.
गौरतलब है कि बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरोध में खुलेआम बयानबाजी करने के बाद राम जेठमलानी को 'कारण बताओ' नोटिस भेजा है. जेठमलानी को नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिनों का वक्त दिया गया है.
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसलापार्टी से निलंबित किए जा चुके राम जेठमलानी को कारण बताओ नोटिस देने का फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया. साथ ही बैठक में यशवंत सिन्हा व शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने का फैसला किया गया.
वकालत में व्यस्तता का हवालाराम जेठमलानी ने संवाददाताओं से
बातचीत में कहा, ‘मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में शाम में सिर्फ मीडिया से सुना है. मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है. जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं. एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है.’
अनुशासनहीनता से जुड़ा मामलावह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह बीजेपी संसदीय बोर्ड की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर देंगे. नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए.
गौरतलब है कि बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरोध में खुलेआम बयानबाजी करने के बाद राम जेठमलानी को 'कारण बताओ' नोटिस भेजा है. जेठमलानी को नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिनों का वक्त दिया गया है.
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसलापार्टी से निलंबित किए जा चुके राम जेठमलानी को कारण बताओ नोटिस देने का फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया. साथ ही बैठक में यशवंत सिन्हा व शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने का फैसला किया गया.