बहुत जल्द ही भागलपुर व बांका के 200 दृष्टि बाधित बच्चे मन की आंखों से
फिल्म देखेंगे। उनके लिए ध्वनि की इस तरह से व्यवस्था की जाएगी कि सारी
बातें उनके समझ में अच्छे प्रकार से आ जाए। बच्चे यह मजा 29 नवंबर को
रेडिया मिर्ची व बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में
लेंगे। दृष्टि बाधित बच्चों में आत्मविश्वास एवं शिक्षा के प्रति जिज्ञासा
विकसित करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। एक दिवसीय कार्यक्रम में
बच्चे अपने माता-पिता एवं संसाधन शिक्षकों के साथ भाग लेंगे। बच्चे स्कूल
ड्रेस,
बलाइंड स्टिक व चश्मे के साथ भाग लेंगे। दोनों जिलों के बच्चों के बीच गायन प्रतियोगिता कराई जाएगी। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान लाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। रेडियो मिर्ची की लेखा प्रबंधक शालिनी नाथ ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले दो सालों से सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। उनके लिए विभाग द्वारा बस की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वापस उन्हें बस द्वारा वापस घरों को छोड़ा जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक ने कार्यक्रम पदाधिकारी से ऐसे सभागार आरक्षित करने को कहा है जहां आराम से 400-500 लोग बैठ सकें। दोनों जिलों के बच्चों के भोजन की व्यवस्था मेजबान जिला के पदाधिकारी करेंगे। निदेशक ने कहा कि कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए जिला पदाधिकारी के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए जिससे समाज में निशक्त बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता पैदा हो सके। सभी मदों में होने वाले व्यय को जिला स्तर पर आयोजित की जाने वाले 45 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण मद से किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भेजे जाने वाले 100 बच्चों में से 10 बालक व बालिकाओं को इस रूप से चयनित किया जाए जो सांस्कृतिक कार्य में प्रवीण हो, ताकि आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में भाग ले सकें।
बलाइंड स्टिक व चश्मे के साथ भाग लेंगे। दोनों जिलों के बच्चों के बीच गायन प्रतियोगिता कराई जाएगी। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान लाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। रेडियो मिर्ची की लेखा प्रबंधक शालिनी नाथ ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले दो सालों से सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। उनके लिए विभाग द्वारा बस की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वापस उन्हें बस द्वारा वापस घरों को छोड़ा जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक ने कार्यक्रम पदाधिकारी से ऐसे सभागार आरक्षित करने को कहा है जहां आराम से 400-500 लोग बैठ सकें। दोनों जिलों के बच्चों के भोजन की व्यवस्था मेजबान जिला के पदाधिकारी करेंगे। निदेशक ने कहा कि कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए जिला पदाधिकारी के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए जिससे समाज में निशक्त बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता पैदा हो सके। सभी मदों में होने वाले व्यय को जिला स्तर पर आयोजित की जाने वाले 45 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण मद से किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भेजे जाने वाले 100 बच्चों में से 10 बालक व बालिकाओं को इस रूप से चयनित किया जाए जो सांस्कृतिक कार्य में प्रवीण हो, ताकि आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में भाग ले सकें।