बिहार में बच्चों की मौत का आकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, अब
तक 213 बच्चों की मौत हो चुकी है।
इस बीमारी से मुजफ्फरपुर में मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 142, पटना के पीएमसीएच में 49 और गया मे 12 बच्चों तक पहुँच गई है. वहीं सीतामढ़ी में तीन, वैशाली में दो, कटिहार और सहरसा में एक-एक, बच्चों की मौत की सूचना मिलने से आकड़ा बढ़कर 213 हो गया है। अब इन बच्चों पर एक नई खतरा मंडराने लगा है, जो बच्चे इस बीमारी को मात देकर खतरे से बाहर निकाला वह अब विकलांग हो रहे है। डॉक्टरों का कहना है की दिमाग में ग्लूकोच और ऑक्सीज़न की कमी के कारण टिश्यू मरने लगे है जिससे बच्चों का शरीर बेजान हो जाता है।
बिहार में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम की जांच के लिए NIV-पुणे और दिल्ली से National Institute Of Desease Control डॉक्टरॉन की टीमें आई है। National Institute Of Desease Control की टीमों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाक़ात की।
NIV-पुणे के टीम को वायरस की पहचान और दिल्ली के टीम को बीमारी के शिकार बच्चों को बचाने की जिम्मादारी सौंपा गया हैं. NIV-पुणे टीम ने 73 और National Institute Of Desease Control की टीम ने 22 सैंपल इकट्ठा किए और इन्हें 7-10 दिनों की अंदर रिपोर्ट सौंपना होगा।
पटना के पीएमसीएच हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने कैन्डल मार्च निकाला है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है की जब तक सरकार सुरक्षा और पीएमसीएच के अधीक्षकों को नहीं हटाया जायेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
उधर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ सरकार ने सख्त तेवर अपना लिया है। और पटना के एएसपी को निर्देश दिया है कि मरीजों के इलाज में बाधा पहुंचाने वाले डाक्टरों पर सख्त कार्रवाई करें। किसी भी सूरत में मरीजों की जान से समझौता नहीं किया जा सकता है।

इस बीमारी से मुजफ्फरपुर में मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 142, पटना के पीएमसीएच में 49 और गया मे 12 बच्चों तक पहुँच गई है. वहीं सीतामढ़ी में तीन, वैशाली में दो, कटिहार और सहरसा में एक-एक, बच्चों की मौत की सूचना मिलने से आकड़ा बढ़कर 213 हो गया है। अब इन बच्चों पर एक नई खतरा मंडराने लगा है, जो बच्चे इस बीमारी को मात देकर खतरे से बाहर निकाला वह अब विकलांग हो रहे है। डॉक्टरों का कहना है की दिमाग में ग्लूकोच और ऑक्सीज़न की कमी के कारण टिश्यू मरने लगे है जिससे बच्चों का शरीर बेजान हो जाता है।
बिहार में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम की जांच के लिए NIV-पुणे और दिल्ली से National Institute Of Desease Control डॉक्टरॉन की टीमें आई है। National Institute Of Desease Control की टीमों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाक़ात की।
NIV-पुणे के टीम को वायरस की पहचान और दिल्ली के टीम को बीमारी के शिकार बच्चों को बचाने की जिम्मादारी सौंपा गया हैं. NIV-पुणे टीम ने 73 और National Institute Of Desease Control की टीम ने 22 सैंपल इकट्ठा किए और इन्हें 7-10 दिनों की अंदर रिपोर्ट सौंपना होगा।
पटना के पीएमसीएच हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने कैन्डल मार्च निकाला है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है की जब तक सरकार सुरक्षा और पीएमसीएच के अधीक्षकों को नहीं हटाया जायेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
उधर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ सरकार ने सख्त तेवर अपना लिया है। और पटना के एएसपी को निर्देश दिया है कि मरीजों के इलाज में बाधा पहुंचाने वाले डाक्टरों पर सख्त कार्रवाई करें। किसी भी सूरत में मरीजों की जान से समझौता नहीं किया जा सकता है।