भागलपुर के दो दिग्गज भाजपाइयों स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे और सांसद शाहनवाज हुसैन के दिल भले ही न मिला पाये हों लेकिन कुछ घंटों के लिए चिपककर साथ जरूर बैठा दिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने। जिसने भी यह दृश्य देखा अवाक रह गया क्योंकि इन दिनों तो दोनों खेमों में खिचीं तलवार से भाजपा आलाकमान तक परिचित है।
हुआ यों कि सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नितीश कुमार गुरुवार को जब शहर के शाहजंगी पीरमजार, जैन मंदिर एवं रविंद्र भवन के लिए सर्किट हाउस से निकल रहे थे तो उनके साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं सांसद शाहनवाज हुसैन बाहर आए। पोर्टिको में सिर्फ मुख्यमंत्री का कारकेट तैयार था। अब अन्य मंत्रियों व सांसद के लिए गाड़ी खोजी जाने लगी। कौन, कहां बैठे इसकी हड़बड़ाहट के बीच मुख्यमंत्री ने ही कहा आपलोग मेरी गाड़ी में ही आ जाएं। दो मंत्री व एक सांसद। इतने होता तो चलता, पर मुख्यमंत्री ने अपने मित्र उदयकांत मिश्र को आवाज लगाई और उन्हें भी बिठा लिया। अब तीन लोगों के बैठने वाली बीच की सीट पर चार आदमी थे। एक साइड में उदय बाबू और दूसरे साइड में विजय बाबू। चौबे जी और शाहनवाज जी को बीच में एक-दूसरे के संग चिपककर बैठना पड़ा। जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें आश्चर्य से फैल गई। उसने अपने साथ वाले को यह सीन दिखाया और सवाल किया- देह सटा है, दिल भी मिला क्या? बहरहाल, मुख्यमंत्री जिन जगहों पर उतरे वहां दोनों एक-दूसरे से एक शब्द भी नहीं बोले।
ज्ञात हो कि मौका-बेमौका दोनों नेता नदी के दो किनारे की तरह ही हैं। स्वास्थ्य महाकुंभ के समय से दोनों के बीच की दूरी और भी बढ़ी है। वैसे, सांसद शाहनवाज ने खुले तौर पर चौबे की खिलाफत नहीं की है, पर अन्दर की हालत भी किसी से छुपी नहीं है। दूसरी ओर, स्वास्थ्य महाकुंभ चौबे ने इशारे में शाहनवाज के बारे में बहुत सारी बातें कह दी थी और तब से आज तक शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है।