नव-बिहार समाचार, पटना। बिहार की बिजली कंपनी ने जहां एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होने वाली बिजली दर 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, वहीं प्रस्ताव में कुछ उपभोक्ताओं के लिए कई राहत के भी प्रस्ताव है। गांव में 50 यूनिट और शहर में 100 यूनिट तक खपत करने वालों को अभी की तुलना में सस्ती बिजली मिलेगी।
इसके साथ ही खेत को पानी देने के एवज में किसानों को मौजूदा दर पर ही बिजली मिलेगी। बीपीएल श्रेणी वाले कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली देने का प्रस्ताव है। इसी तरह छोटे (एलटीएस) व बड़े उद्योग (एचटीएस) के उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली मिलेगी। कंपनी ने अपने प्रस्ताव में लो-टेंशन व हाइटेंशन के उपभोक्ताओं के लिए दर कम करने का प्रस्ताव दिया है।
हालांकि एलटीएस-एचटीएस में फिक्स चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव है। एलटीएस में 200 के स्थान पर 220 रुपये प्रतिमाह तो एचटी में 300 के स्थान पर 500 रुपये प्रति किलोवाट/माह का प्रस्ताव है। बिजली कंपनी के प्रस्ताव को विनियामक आयोग हू-ब-हू मान भी लेता है तो समग्रता में बिहार के लोगों को 10 फीसदी महंगी बिजली मिल सकती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए विनियामक आयोग को सौंपे प्रस्ताव में कंपनी ने घरेलू, व्यवसायिक, छोटे व बड़े उद्योग, गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर करने वाले कुटीर ज्योति और सिंचाई श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिलाकर कुल 10 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने कुल खर्च के लिए 16,900 करोड़ की मांग की है।
इसमें नॉर्थ बिहार कंपनी ने 7200 करोड़ तो साउथ बिहार कंपनी लिमिटेड ने 9700 करोड़ की मांग की है। कंपनी ने अपने प्रस्ताव में दो तरह की टैरिफ सौंपी है। एक में कंपनी ने कहा है कि राज्य सरकार के अनुदान के बिना अगर शत-प्रतिशत खर्च की बात है तो उसमें 51 फीसदी से लेकर 120 फीसदी तक बिजली दर में वृद्धि की आवश्यकता होगी। लेकिन कंपनी ने कहा है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य सरकार ने 2952 करोड़ का अनुदान दिया है।
शहरी क्षेत्र
यूनिट अभी है प्रस्ताव है
1-100 4.27 3.12
101-200 5.02 5.42
201-300 5.77 6.92
300 से अधिक 6.52 7.42
ग्रामीण क्षेत्र
0-50 2.65 2.05
51-100 2.90 3.40
100 से ऊपर 3.15 4.40
नोट: प्रस्तावित यूनिट दर रुपये में
2010-11-19 प्रतिशत
2011-12-12.1 प्रतिशत
2012-13-6.9 प्रतिशत
2013-14-वृद्धि नहीं
2014-15-वृद्धि नहीं
2015-16-2.5 फीसदी
2016-17-वृद्धि नहीं
2017-18-20 फीसदी