नई दिल्ली. देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक बार फिर कैश ट्रांजेक्शन टैक्स को लागू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत, एक तय सीमा से अधिक धन बैंक से निकालने पर टैक्स लगाया जाएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बजट से कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया जा सकता है। मालूम हो, इससे पहले यूपीए सरकार ने भी कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया था, लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार को इसे वापस लेना पड़ा था।
वित्त मंत्रालय के सूत्र के मुताबिक, देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम विकल्पों पर विचार कर रही है।
इनमें एक विकल्प कैश ट्रांजेक्शन टैक्स का भी है। इसका मकसद कैश आधारित अर्थव्यवस्था को सिकोडऩा और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। मंत्रालय से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अब अंतिम निर्णय उच्च स्तर पर सरकार को लेना है। उम्मीद है कि सरकार से इसे मंजूरी मिल जाएगी और 1 फरवरी को आने वाले आम बजट में इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
2005 में टैक्स लगा, 2009 में खत्म
यूपीए सरकार ने भी वर्ष 2005 में बैंक खाते से 50 हजार से अधिक रुपए निकालने पर 0.1 फीसदी कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया था। हालांकि, 1 अप्रैल 2009 से इस टैक्स को समाप्त कर दिया गया था।
एसआईटी भी कर चुकी है सिफारिश
कालेधन पर बने एसआईटी ने भी सरकार से 3 लाख से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने की सिफारिश की है। ये भी सिफारिश की है कि किसी व्यक्ति के पास 15 लाख रुपए से अधिक नकद रखने में रोक लगाई जाए।