भारतीय जनता पार्टी और जदयू के बीच तल्खी और बढ़ गई है। पार्टी के सभी
मंत्रियों को 17 जून तक पटना में रहने का निर्देश दिया गया है। पार्टी के
प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने जदयू पर सीधा आरोप लगाया कि वह
भाजपा विधायकों को टूटने के लिए प्रलोभन दे रही है। पांडेय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के 23 जून के कार्यक्रम के लिए मिलर हाईस्कूल मैदान न दिए जाने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि जदयू को बताना चाहिये कि दस जून के बाद आखिर ऐसी कौन सी स्थिति पैदा हो गयी जिससे गठबंधन में टूट की स्थिति पैदा हो रही है? उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास पर भाजपा मंत्रियों की बैठक के बाद पांडेय ने बताया कि भाजपा विधायकों को साथ आने के लिए प्रलोभन दिया जा रहा है। हमारा गठबंधन काफी पुराना है। जदयू की सरकार बनाने के लिए इस तरह की हरकत जाना बेहद आपत्तिजनक है। बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया था यह उसका भी अपमान है। पांडेय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के लिए मिलर हाईस्कूल मैदान न दिए जाने पर भी आपत्ति जताई। कहा कि अधिकार रैली के दौरान इस मैदान का इस्तेमाल जेडीयू ने किया था। एक दल को इस्तेमाल के लिए दिए जाना व दूसरे को न दिया जाना गलत है।
भाजपा कोटे के मंत्रियों द्वारा सरकारी कामकाज से अलग रहने के सवाल पर पांडेय ने कहा कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा। अभी तक जदयू की तरफ से जो बयान आए हैं वे गठबंधन को टूट की तरफ ले जाने वाले हैं। लेकिन भाजपा इन्हें अधिकृत नहीं मानती। सरकार गठबंधन की है। नीतीश कुमार इसके मुखिया हैं। उनकी तरफ से अधिकृत बयान के बाद ही स्थितियां स्पष्ट होंगी। फिलहाल सभी मंत्रियों को 17 जून तक राजधानी में बने रहने को कहा गया है।
वर्तमान हालात के संदर्भ में पांडेय ने कहा कि जेडीयू को बताना चाहिए कि दस जून के बाद ऐसी कौन सी स्थितियां बात हुई जिससे गठबंधन टूटने की नौबत आ गयी है। जेडीयू की तरफ से कहा जाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक निर्णय में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। पार्टी ने नौ जून को नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया है। यह पार्टी का पूरी तरह आंतरिक मसला है।
भाजपा विधायकों को टूटने के लिए प्रलोभन दे रही है। पांडेय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के 23 जून के कार्यक्रम के लिए मिलर हाईस्कूल मैदान न दिए जाने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि जदयू को बताना चाहिये कि दस जून के बाद आखिर ऐसी कौन सी स्थिति पैदा हो गयी जिससे गठबंधन में टूट की स्थिति पैदा हो रही है? उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास पर भाजपा मंत्रियों की बैठक के बाद पांडेय ने बताया कि भाजपा विधायकों को साथ आने के लिए प्रलोभन दिया जा रहा है। हमारा गठबंधन काफी पुराना है। जदयू की सरकार बनाने के लिए इस तरह की हरकत जाना बेहद आपत्तिजनक है। बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया था यह उसका भी अपमान है। पांडेय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के लिए मिलर हाईस्कूल मैदान न दिए जाने पर भी आपत्ति जताई। कहा कि अधिकार रैली के दौरान इस मैदान का इस्तेमाल जेडीयू ने किया था। एक दल को इस्तेमाल के लिए दिए जाना व दूसरे को न दिया जाना गलत है।
भाजपा कोटे के मंत्रियों द्वारा सरकारी कामकाज से अलग रहने के सवाल पर पांडेय ने कहा कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा। अभी तक जदयू की तरफ से जो बयान आए हैं वे गठबंधन को टूट की तरफ ले जाने वाले हैं। लेकिन भाजपा इन्हें अधिकृत नहीं मानती। सरकार गठबंधन की है। नीतीश कुमार इसके मुखिया हैं। उनकी तरफ से अधिकृत बयान के बाद ही स्थितियां स्पष्ट होंगी। फिलहाल सभी मंत्रियों को 17 जून तक राजधानी में बने रहने को कहा गया है।
वर्तमान हालात के संदर्भ में पांडेय ने कहा कि जेडीयू को बताना चाहिए कि दस जून के बाद ऐसी कौन सी स्थितियां बात हुई जिससे गठबंधन टूटने की नौबत आ गयी है। जेडीयू की तरफ से कहा जाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक निर्णय में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। पार्टी ने नौ जून को नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया है। यह पार्टी का पूरी तरह आंतरिक मसला है।