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पास है डीजल कार, 50 हजार एक्स्ट्रा रोड टैक्स को रहें तैयार

आपके पास अगर डीजल कार है, तो एक्स्ट्रा रोड टैक्स देने के लिए तैयार रहें। योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट पारिख ने डीजल से चलने वाली बड़ी कारों पर पेट्रोल कारों के मुकाबले 50,000 रुपये तक ज्यादा सालाना रोड टैक्स लगाने की सिफारिश की है। उधर, इसका विरोध करते हुए ऑटो इंडस्ट्री ने कहा है कि कारों पर इस तरह के किसी टैक्स का तुक नहीं बनता। पारिख को सरकार ने
ईंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी के बोझ पर कंट्रोल के लिए सुझाव देने की जिम्मेदारी दे रखी थी। उन्होंने कहा है कि डीजल पर प्रति लीटर नौ रुपये की सब्सिडी तय कर दी जाए और उसके बाद इसकी कीमत बाजार पर छोड़ दी जाए। पारिख इंटिग्रेटेड रिसर्च ऐंड ऐक्शन फॉर डिवलेपमेंट के प्रमुख हैं। दूसरी और दिल्ली और एनसीआर के डीजल कार मालिकों और डीजल कार खरीदने की चाह रखने वालों केलिए एक और बुरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने के मामले में सरकार से डीजल कारों पर टैक्स लगाने के बारे में राय पूछी है। कोर्ट ने एनसीआर में डीजल गाड़ियों पर 25 पर्सेंट तक चार्ज वसूलने की बात कही है।
पारेख ने ऑटो कंपनियों के मंच सियाम के समारोह के मौके पर संवाददाताओं से कहा, 'नई खरीद पर एकमुश्त डीजल कर की बजाय मौजूदा एकमुश्त रोड टैक्स को खत्म कर सालाना रोड टैक्स की व्यवस्था हो और यह पेट्रोल तथा डीजल वाहनों पर अलग-अलग दर लागू हो।'
यह पूछने पर कि डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बीच क्या फर्क हो सकता है तो उन्होंने कहा 'सामान्य कारों के मामले में डीजल मॉडल के मुकाबले 10,000 रुपये से 20,000 रुपये का फर्क होना चाहिए, जबकि एसयूवी पर 50 हजार रुपये तक का रोड टैक्स लगाया जाना चाहिए।' पारिख ने कहा वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव सौंप दिया गया है।