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एक साथ टकराए तीन वाहन, चार की मौत, एक दर्जन से ज्यादा घायल

आखिर इन दुर्घटनाओं का जिम्मेवार कौन, और प्रशासन क्यों है मौन


नवगछिया भागलपुर के बीच स्थित विक्रमशिला सेतु पहुँच मार्ग के खगड़ा पंचायत के गरैया गाँव के पास शनिवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे तीन वाहन एक साथ टकरा गए। टकराए वाहनों में दो टेम्पू तथा एक बस है। वाहनों की इस टक्कर में टेम्पू चालाक मुरली गांव निवासी चंद्र किशोर सिंह उर्फ़ टुनटुन सहित चार लोगों की मृत्यु होने की खबर है। मरने वालों में अधिकाँश वे ल़ोग हैं जो टेम्पू पर सवार थे। सुमित्रा देवी, खुशबू कुमारी, जयकांत कुमार, पूनम कुमारी के अलावा सुधा कुमारी, पिंटू कुमार, प्रदीप कुमार भगत, अमीन मंडल, खोखा यादव, पूजा कुमारी, विलक्षण यादव, चंदन कुमार, उर्मिला देवी, कारे लाल और विनोद मंडल शामिल हैं। सभी घायलों को भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना स्थल से परवत्ता थाना की पुलिस ने बस को जब्त भी कर लिया है।



मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भागलपुर की ओर से आ रही बस एवं नवगछिया से जा रही टेम्पू में पहली टक्कर हुई। जहां नवगछिया से जा रहा टेम्पू गलत दिशा से जा रहा था। अचानक तेज रफ़्तार बस को नजदीक आते देख टेम्पू ने अपनी दिशा बदलनी चाही । इसी क्रम में यह दुर्घटना हो गयी। इसी समय बस के ठीक पीछे आ रही दूसरी टेम्पू भी बस से टकरा गयी। जिसके कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हो गयी। दुर्घटना होते ही यह व्यस्ततम मार्ग जाम हो गया। जिसे परवत्ता पुलिस ने तुरंत हटवा कर यातायात को सामान्य कराया।



जानकारों के अनुसार इस मार्ग पर चलने वाले वाहनों पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। प्रशासन ने सिर्फ दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र का बोर्ड कई जगह लगा कर अपने कर्तव्य की समाप्ति कर ली है। जहां आये दीन रोजाना एक दो चार दुर्घटनाएं लगातार हो रहीं हैं। फिर भी प्रशासन द्वारा इस समस्या का कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकार आम लोगों में सुरक्षित यातायात एक चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि इस मार्ग पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम गति सीमा चालीस किलोमीटर प्रति घंटा की है। लेकिन अधिकाँश वाहन पर इस सूचना का कोई असर नहीं हो रहा है। सब के सब वाहन अपनी अधिकतम गति सीमा में चलते हैं । जिसके कारण होती हैं दुर्घटनाएं। हर एक दुर्घटना पर आम सवाल उठाता है - आखिर इन दुर्घटनाओं का जिम्मेवार कौन, और प्रशासन क्यों है मौन ।