भारत की लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर भागलपुर जिला अंतर्गत इस्माइलपुर के अंचलाधिकारी देवेन्द्र कुमार झा की करतूतों ने एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है | मामला  2011 में सम्पन्न हुये पंचायत चुनाव के दौरान मिली गड़बड़ी का है |
जिसके तहत पायी गयी गड़बड़ी के आधार पर नवगछिया व्यवहार न्यायालय स्थित मुंसिफ़ छेदी राम की अदालत ने शुक्रवार को मामले के निर्वाची पदाधिकारी सह सीओ इस्माइलपुर देवेन्द्र कुमार झा से एक सप्ताह के अंदर न्यायालय में उपस्थित होकर मामले का जवाब देने का आदेश दिया है |अन्यथा उनके विरुद्ध उनके विभाग को उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भेज दिया जाएगा |
सूत्रों से मिली जानकारी के तहत 2011 मे समपन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान बिहपुर प्रखण्ड अंतर्गत लत्तीपुर दक्षिण पंचायत में सरपंच के पद पर गलत तरीके से रत्नेश्वर प्रसाद सिंह को दो मतों से विजयी घोषित कर दिया था | जिसका खुलासा तब हुआ जब पराजित प्रत्याशी नीलम कुमार संजीव द्वारा मुंसिफ़ कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उक्त चुनाव के मत पत्रों की दुबारा गिनती कोर्ट के अंदर 31/7/2013 और 1/8/2013 को कराई गयी |
कोर्ट के अंदर हुई इस पुनर्मतगनना के दौरान बीडीओ बिहपुर द्वारा उपलब्ध करायी गयी सील बंद बक्से से 58 मतपत्र ही कम पाये गए | जहां  3137 वैध मतपत्र तथा 248 अवैध मतपत्र कुल 3385 मतपत्र होने चाहिए थे, वहाँ 3082 वैध मतपत्र तथा 245 अवैध मतपत्र कुल 3327 मतपत्र ही निकले | इसके बावजूद निर्वाची पदाधिकारी बिहपुर सह सीओ इस्माइलपुर द्वारा घोषित चुनाव परिणाम के तहत विजयी घोषित प्रत्याशी रत्नेश्वर प्रसाद सिंह को 759 मतों की जगह 709 मत ही प्राप्त हुए हैं | वहीं पराजित घोषित किए गए प्रत्याशी नीलम कुमार संजीव को 757 मतों की जगह 758 मत हासिल हुए हैं |
जहां यह पुनर्मतगनना सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रदेव प्रसाद सिंह, निर्वाची पदाधिकारी की तरफ से अधिवक्ता विवेकानंद केशरी, मामले के वादी नीलम कुमार संजीव की तरफ से अधिवक्ता रामाशंकर झा, कोर्ट की तरफ से कल्याण कुमार, मो0 रहमतुला इत्यादि लोगों द्वारा की गयी |