कोयला घोटाले के मसले पर सियासी कोहराम जारी है। सुषमा स्वराज ने सफाई देते हुए आज कहा कि बीजेपी पीएम मनमोहन सिंह के इस्तीफे पर कायम है और उससे पीछे हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। मुंबई में रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुषमा ने कहा कि बीजेपी इस मामले पर कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाए रखेगी। उन्होंने साफ किया कि अगर मनमोहन सरकार कोल ब्लाक आवंटन को रद्द नहीं करती और एक 'स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच' के आदेश नहीं देती है, तो बीजेपी संसद के मानसून सत्र के खत्म होने के बाद देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को कहा कि कोयला आवंटन रद्द होना चाहिए। आडवाणी ने अपने ब्लॉग के जरिये अपनी बात रखी है। आडवाणी ने ब्लॉग में दो मांगें की हैं जिसमें आवंटन की न्यायिक जांच शामिल है। हालांकि उन्होंने ब्लॉग में पीएम के इस्तीफे के बारे में कुछ भी नहीं कहा है।
इससे पहले विदेश रवाना होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी की नेता सुषमा स्वराज से बात की। लोकसभा में नेता, विपक्ष सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की कि सोनिया गांधी ने उनसे फोन पर बात की है। सोनिया ने सुषमा से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध जिसपर सुषमा ने उन्हें सशर्त भरोसा दिया। स्वराज ने कोयला घोटाले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए सभी कोयला खदानों के आवंटन को रद्द करने की मांग की। स्वराज ने इसके बाद ही संसद में इस मुद्दे पर बहस की बात कही।
हालांकि, इस ट्वीट में सुषमा ने भी प्रधानमंत्री का इस्तीफा नहीं मांगा था। इससे कयास लगाए जाने लगे कि बीजेपी का रुख नरम पड़ रहा है और उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को संसद में कोयला घोटाले पर बहस हो सकती है। लेकिन अरुण जेटली अब भी पीएम की इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि कोल ब्लॉक के सारे आवंटन रद्द किए जाएं और पीएम को प्रत्यक्ष जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
इस बीच, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने पर बीजेपी को 'गुंडा' करार दिया है। उन्होंने कहा, 'पीएम को संसद में जवाब देने पर इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बीजेपी संसद नहीं चलने दे रही थी।' अय्यर ने मांग की कि हंगामा करने वाले सदस्यों को सदन से बाहर फेंक देना चाहिए ताकि जरूरी काम निपटाए जा सके। बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने मणिशंकर अय्यर के इस बयान को कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस की हताशा है। वैसे भी मणिशंकर अय्यर कांग्रेस में पहले से ही हताश हैं। वह 'परमानेंट फ्रस्ट्रेटेड' हैं।'