बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति व्यवस्था सिर्फ
बिहार का रोग नहीं है. इस समस्या का अंत अभी नहीं हुआ है लेकिन इसे लेकर
पूर्वाग्रह खत्म हुआ है.
'एजेंडा आजतक' के दूसरे सत्र, जिसका विषय था 'जात पर ना पात पर मुहर लगेगी विकास पर', के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि
बिहार के हालात को लेकर देश में चिंता रहती है और कुछ साल पहले बिहार राष्ट्रीय चिंता का विषय बना हुआ था लेकिन वर्तमान समय में राज्य में आए बदलाव के लिए यहां की जनता का का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
नीतीश ने कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है और आज जब हालात सुधरे हैं तो लोगों में खुशी होती है. नीतीश ने कहा कि मन में उत्साह हो तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है.
इस सत्र के दौरान नीतीश ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और खराब कानून व्यवस्था को लेकर जो डर राज्य के अंदर कायम था वो अब कम हुआ है.
नीतीश ने कहा कि हमने महिलाओं को बढ़ावा दिया, पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण लाया गया. साथ ही हमने सभी वर्गों को विकास का भागीदार बनाया.
नीतश ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अस्पताल और शिक्ष के लिए अहम कदम उठाए. यूनिफॉर्म स्कीम, टेक्सट बुक स्कीम और साइकिल स्कीम के जरिए राज्य की जनता को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया.
नीतीश ने कहा कि हम केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं और देश के विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना अत्यंत आवश्यक है. नीतीश ने कहा कि हम देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं.
आंकड़े सहूलियत के हिसाब से पेश करने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि यह गलत है. नीतीश ने इशारों इशारों में लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मेरे विरोधी सही आंकड़े देते तो उनकी ये दुर्दशा नहीं होती.
नरेंद्र मोदी से रिश्तों से जुड़े सवाल पर नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली. साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका पर नीतीश ने कुछ भी कहने से इनकार किया. इसके अलावा ग्राम सभा के सशक्तिकरण के सवाल पर नीतीश ने कहा कि जबरदस्ती कुछ भी करना सही गवर्नेंस नहीं है.
नीतीश ने कहा कि बिहार में ग्राम सभाओं को कई नई जानकारियां दी गई हैं और अभी ग्राम सभाएं विकास के क्रम में हैं. साथ ही नीतीश ने कहा कि ग्राम सभाओं में जनता की भागीदारी जरूरी है. नीतीश ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों के बीच ग्राम सभाओं के प्रति जागरुकता पैदा करनी होगी.
गुजरात चुनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि मेरे गुजरात जाने या नहीं जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. साथ ही नीतीश ने कहा कि जदयू गुजरात में चुनाव लड़ रही है.
बीजेपी में पीएम पद उम्मीदवार तय किए जाने को लेकर नीतीश ने कहा कि मेरे पास इससे संबंधित अभी कोई जानकारी नहीं है. नीतीश ने कहा कि कांग्रेस में भी राहुल गांधी को लेकर स्थिति साफ नहीं है.
इस दौरान नीतीश ने कहा कि अभी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की राजनीति जारी रहेगी. साथ ही बड़ी पार्टियों को ही सरकार चलाना चाहिए. नीतीश ने कहा पीएम मनोनीत नहीं किए जाने चाहिए. इसके अलावा नीतीश ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बहुत इज्जत करता हूं.
पीएम बनाए जाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि गठबंधन में बड़ी पार्टी के नेता को ही पीएम बनना चाहिए. नीतीश ने कहा कि मैंने पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर एक बार इंटरव्यू दिया था और बार-बार मैं अपनी बात को दोहराता नहीं रहूंगा.
एफडीआई पर लोकसभा की वोटिंग पर नीतीश ने कहा कि यह हमारे देश की विचित्रता है. नीतीश ने आगे कहा कि राजनीति में रहे या मिट जाएं पर सौदेबाजी नहीं करना चाहिए. साथ ही नीतीश ने कहा कि कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने लोकसभा में एफडीआई वोटिंग पर सपा और बसपा के वाकआउट का बचाव किया. राष्ट्रीय राजनीति में आने की बात को नीतीश ने एक सिरे से नकार दिया.
'एजेंडा आजतक' के दूसरे सत्र, जिसका विषय था 'जात पर ना पात पर मुहर लगेगी विकास पर', के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि
बिहार के हालात को लेकर देश में चिंता रहती है और कुछ साल पहले बिहार राष्ट्रीय चिंता का विषय बना हुआ था लेकिन वर्तमान समय में राज्य में आए बदलाव के लिए यहां की जनता का का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
नीतीश ने कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है और आज जब हालात सुधरे हैं तो लोगों में खुशी होती है. नीतीश ने कहा कि मन में उत्साह हो तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है.
इस सत्र के दौरान नीतीश ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और खराब कानून व्यवस्था को लेकर जो डर राज्य के अंदर कायम था वो अब कम हुआ है.
नीतीश ने कहा कि हमने महिलाओं को बढ़ावा दिया, पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण लाया गया. साथ ही हमने सभी वर्गों को विकास का भागीदार बनाया.
नीतश ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अस्पताल और शिक्ष के लिए अहम कदम उठाए. यूनिफॉर्म स्कीम, टेक्सट बुक स्कीम और साइकिल स्कीम के जरिए राज्य की जनता को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया.
नीतीश ने कहा कि हम केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं और देश के विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना अत्यंत आवश्यक है. नीतीश ने कहा कि हम देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं.
आंकड़े सहूलियत के हिसाब से पेश करने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि यह गलत है. नीतीश ने इशारों इशारों में लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मेरे विरोधी सही आंकड़े देते तो उनकी ये दुर्दशा नहीं होती.
नरेंद्र मोदी से रिश्तों से जुड़े सवाल पर नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली. साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका पर नीतीश ने कुछ भी कहने से इनकार किया. इसके अलावा ग्राम सभा के सशक्तिकरण के सवाल पर नीतीश ने कहा कि जबरदस्ती कुछ भी करना सही गवर्नेंस नहीं है.
नीतीश ने कहा कि बिहार में ग्राम सभाओं को कई नई जानकारियां दी गई हैं और अभी ग्राम सभाएं विकास के क्रम में हैं. साथ ही नीतीश ने कहा कि ग्राम सभाओं में जनता की भागीदारी जरूरी है. नीतीश ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों के बीच ग्राम सभाओं के प्रति जागरुकता पैदा करनी होगी.
गुजरात चुनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि मेरे गुजरात जाने या नहीं जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. साथ ही नीतीश ने कहा कि जदयू गुजरात में चुनाव लड़ रही है.
बीजेपी में पीएम पद उम्मीदवार तय किए जाने को लेकर नीतीश ने कहा कि मेरे पास इससे संबंधित अभी कोई जानकारी नहीं है. नीतीश ने कहा कि कांग्रेस में भी राहुल गांधी को लेकर स्थिति साफ नहीं है.
इस दौरान नीतीश ने कहा कि अभी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की राजनीति जारी रहेगी. साथ ही बड़ी पार्टियों को ही सरकार चलाना चाहिए. नीतीश ने कहा पीएम मनोनीत नहीं किए जाने चाहिए. इसके अलावा नीतीश ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बहुत इज्जत करता हूं.
पीएम बनाए जाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि गठबंधन में बड़ी पार्टी के नेता को ही पीएम बनना चाहिए. नीतीश ने कहा कि मैंने पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर एक बार इंटरव्यू दिया था और बार-बार मैं अपनी बात को दोहराता नहीं रहूंगा.
एफडीआई पर लोकसभा की वोटिंग पर नीतीश ने कहा कि यह हमारे देश की विचित्रता है. नीतीश ने आगे कहा कि राजनीति में रहे या मिट जाएं पर सौदेबाजी नहीं करना चाहिए. साथ ही नीतीश ने कहा कि कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने लोकसभा में एफडीआई वोटिंग पर सपा और बसपा के वाकआउट का बचाव किया. राष्ट्रीय राजनीति में आने की बात को नीतीश ने एक सिरे से नकार दिया.