
हर व्यक्ति एक बुरे आदमी को सुधारने में लग जाय, भले ही वह आदमी सुधारे या न सुधारे लेकिन आखिर में वह व्यक्ति पायेगा कि उसको सुधारने की कोशिश में मैं सुधार गया हूँ |
इस कार्यक्रम का संचालन स्वामी रामचन्द्र के द्वारा किया गया | विभिन्न जगहों से साधक व सन्यासी सम्मिलित हुए | ओशो कार्यक्रम के सहयोगी के रूप में राजेन्द्र जी, संजय चिरनिया, नीरज पोद्दार, राजा जी, कुमोद जी, डा0 सुभाष कुमार विद्यार्थी, सच्चिदानंद जी, बुल्लो जी आदि की मौजूदगी देखी गयी |