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आमदनी में हीरो, सुविधा के नाम पर जीरो


राजेश कानोडिया, नवगछिया । जहां प्रतिमाह की आमदनी करोड़ में हो और सुविधा के नाम पर जीरो हो तो मामला कुछ अटपटा सा जरूर लगता है। लेकिन हकीकत भी यही है जो पूरी तरह से सही है। यह मामला है पूर्व मध्य रेल के बरौनी कटिहार रेल खंड अंतर्गत नवगछिया स्थित मालगोदाम और रेक प्वाइंट का। जिसे आधा अधूरा पुनर्निर्माण कराकर दो साल पहले से ही चालू करा दिया गया। यहाँ से रेलवे को प्रतिमाह एक करोड़ से अधिक की आमदनी जारी है। इसके बावजूद यहाँ का कार्य अब तक पूरा नहीं कराया जा सका है। जिससे रेल कर्मियों को परेशानी तो होती ही है। इसके साथ साथ आमदनी देने वाले व्यापारियों को भी भारी कष्टों का सामना करना पड़ रहा है।

ये है मक्का से आमदनी
नवगछिया रेक प्वाइंट में वर्ष 2012-13 में 50 तथा 2013-14 में 29 रेक मक्का की भेजी गयी। इसके साथ ही 2012-13 में 56 रेक तथा 2013-14 में 103 रेक नमक और सीमेंट इत्यादि की नवगछिया आयी। जिससे नवगछिया मालगोदाम स्थित रेक प्वाइंट से वर्ष 2012-13 में 14 करोड़ 83 लाख 58 हजार 315रुपये तथा वर्ष 2013-14 में 11 करोड़ 26 लाख 63 हजार 025 रुपये की आमदनी नवगछिया से भेजी गयी रेक से हुई है। जबकि वर्ष 2012-13 में 14 करोड़ 70 लाख 86 हजार 213 रुपये और 2013-14 में 22 करोड़ 90 लाख 17 हजार 471 रुपये की आमदनी भारत के अन्य स्टेशनों से नवगछिया आयी रेक से अन्य स्टेशनों को भी हुई है।

ये है परेशानी
माल गोदाम का निर्माण दो वर्षों से अब तक अधूरा है। जिसकी वजह से साइड से एक किलोमीटर दूर पार्सल कार्यालय में काम चलाया जा रहा है । नमक व्यवसायी कन्हैया कुमारमक्का व्यवसायी राजेन्द्र गुप्ताराजेश कुमारअमित कुमारपवन झा तथा सीमेंट व्यवसायी मंटू कुमार इत्यादि कहते हैं कि यहाँ माल की सुरक्षा के लिये अब तक शेड का निर्माण भी नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से वर्षा में माल भींग कर खराब और बर्बाद हो जाता है। बरसात के समय साइड में कीचड़ पैदा हो जाता है। जिसकी कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है। कई बार तो ट्रेक्टर गढ़े में पलट भी गयी है। जिसमें कई मजदूर घायल भी हुए थे। सबसे बड़ी परेशानी है साइड के चौड़ाई की। जो मात्र 20 फीट है। जिसकी वजह से माल उतारने के बाद ट्रक और ट्रेक्टर तक निकालने में भारी कठिनाई होती है। जो कम से कम 50 फीट किया जाना चाहिये। साइड में व्यापारियों के ठहरने के लिये भी कोई शेड नहीं बनाया गया है। धूप और बारिश के समय काफी दिक्कत उठानी पड़ती है। यहाँ व्यापारियोंवाहन चालकों तथा मजदूरों को देर रात तक अंधेरे में काम करना मजबूरी है। जहां कुछ दूर तक बिजली के खंभे तो हैं पर लाइट नहीं है। गत वर्ष भी एईएन,एसीएमएईई ने संयुक्त निरीक्षण भी किया था। इसके बावजूद अब तक कोई सुविधा नहीं बढ़ाई गयी है।