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बीजेपी आज से देश भर में शुरू करेगी 'संकल्प से सिद्धी' कार्यक्रम

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। आजादी की मुहिम में अहम योगदान रखने वाले भारत छोड़ो आंदोलन को आज 75 साल पूरे हो गए हैं. साथ ही आगामी 15 अगस्त को देश को आजाद हुए 70 साल भी पूरे हो जाएंगे. इस वर्षगांठ को
मनाने के लिए सत्ताधारी बीजेपी और केंद्र सरकार ने खास तैयारियां की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जुलाई को ही अपने रोडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में आह्वान कर चुके हैं कि पूरा देश अगस्त 9 से संकल्प से सिद्धी कैंपेन चलाए और आजादी के आंदोलन को याद करे.
बीजेपी ने तय किया है कि इस मौके पर 9 अगस्त से लेकर 30 अगस्त तक पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. आज से हर जिले में मशाल जुलूस निकलेगा और स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की मूर्तियों को मालापहनाई जाएगी. कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ें और उन्हें आजादी के महत्व के बारे में बताएं. साथ ही जिन लोगों ने देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया, उन्हें बलिदान को भी याद किया जाए.
पीएम मोदी के आह्वान के बाद केंद्र सरकार के सभी मंत्री, पार्टी के विधायकों, राज्यों के मंत्रियों, सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों को 13 अगस्त से इस कार्यक्रम के साथ जुड़ना है. आगामी 10 अगस्त से 14 अगस्त तक देश भर में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी. इसमें हर जिले में एक मोटर साइकिल रैली कता भी आयोजन होगा. साथ ही हर जिले के स्वतंत्रता सेनानियों और जाने-माने लोगों की मूर्तियों का माल्यार्पण और उसके आस-पास के इलाके में स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा.
स्वतंत्रता दिवस को पीएम मोदी के लाल किले पर झंडा फहराने के बाद सभी मुख्यमंत्री भी अपने-अपने राज्यों में लोगों को संबोधित करेंगे. सभी को उस दिन एक संकल्प भी लेना है जिसमें गंदगी, भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता, आतंकवाद भारत छोडों जैसी मुहिम शामिल हैं. 16 अगस्त से 30 अगस्त तक हर जिले में न्यू इंडिया-मंथन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.पीएम मोदी ने तमाम शिक्षण संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से भी अपील की है कि वह न्यू इंडिया मुद्दे पर चर्चा कराएं और संकल्प से सिद्धि अभियान में सक्रिय होकर भाग लें.
पीएम मोदी का मकसद है कि इस अभियान के तहत स्वच्छता अभियान, रक्त दान शिविर, मानव श्रंखला बनाना, वृक्षारोपण कार्यक्रम जैसे सामाजिक कार्यों को बढ़ावा मिले और इन्हें जन-जन तक पहुंचाया जा सके. इसके अलावा कार्यक्रम से समाज के शोषित तबके को जोड़ने के लिेए भी खास मुहिम चलाई जाएगी. कम से कम ऐसा एक कार्यक्रम पिछड़े या फिर दलित इलाके में आयोजित किया जाना भी अनिवार्य होगा.