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इस बार मैट्रिक-इंटर की परीक्षा में नहीं होगी मीडिया कवरेज

पटना बिहार में शिक्षा और नौकरी के नाम पर लगातार हो रहे घोटाले का सच दुनिया के सामने है. इंटर टॉपर्स घोटाला हो या परीक्षा में नकल कराने के लिए  खिड़की- दीवार पर लटकने वाली घटना हो. या फिर नौकरी में मेहनत करने वाले युवाओं की जगह प्रश्न पत्र लीक करने का मामला या सेटिंग करने का मामला हो. बिहार पूरी तरह से इस मामले में बदनाम हो चुका है. ऐसी स्थिति में बिहार सरकार द्वारा मैट्रिक औए इंटर की इस साल की परीक्षा में मीडिया कवरेज पर ही रोक लगा दिया गया है.   

आपको बता दें कि दसवीं और इंटर की परीक्षा में नकल के आरोपों और पिछले साल हुए टॉपर्स घोटाले से जली बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पिछले साल परीक्षाओं में किये गए कदाचार की तस्वीर मीडिया के कारण पूरे देश ने देखा और सरकार की बहुत ही किरकिरी हुई. परीक्षाओं में कदाचार की स्थिति को लेकर सरकार को काफी फजीहत उठानी पड़ी थी. इस बार समिति ने परीक्षाओं की मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी है.

SP-DM को सख्त निर्देश –

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव अनूप कुमार सिन्हा ने इस सिलसिले में सभी जिलाधिकारियों को पत्र के जरिए दिशा-निर्दश जारी किया है। पत्र में निर्देश जारी किया गया है कि पत्रकारों को सभी परीक्षा केंद्रों से दूर रखा जाए. बिहार बॉक्स के पास इस पत्र की एक कॉपी उपलब्ध है. इसमें जिलाधिकारियों से कहा गया है कि निर्देशों की जानकारी परीक्षा केंद्र के केन्द्राधीक्षकों को दी जाए. अखबारों में इश्तिहार के जरिये भी ये जानकारी दी जा रही है. 
बिहार बोर्ड के इंटर की परीक्षाएं 14 फरवरी से 25 फरवरी के बीच होंगी. वहीं, दसवीं की परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होकर 8 मार्च तक चलेंगी. पिछले साल टॉपर स्कैम के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार परीक्षाओं को लेकर काफी सख्त कदम उठाए हैं. पहली बार छात्रों के पर्चे डिजिटल तरीके से जांचें जाएंगे.